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काशी दीप विजन वाराणसी, दिनांक 22.11.2025 महोदय, भारतीय गणतंत्र रक्षक संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ उमेश चंद्र जी के नेतृत्व में संघ के प्रदेश और राष्ट्रीय कार्यकारिणी के पदाधिकारीयों द्वारा राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग नई दिल्ली के सम्मानित सदस्य डॉ. आशा लाकड़ा जी के वाराणसी आगमन पर काशी हिंदू विश्वविद्यालय के प्रांगण में पुष्प गुच्छ, अंग वस्त्रम और स्मृति चिन्ह भेंट कर स्वागत और अभिनंदन किया गया। अध्यक्ष, राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग के लिए अनुसूचित जनजाति के सदस्य पर हो रहे उत्पीड़न का ज्ञापन सौंपा गया। ज्ञात हो कि "मोतीलाल नेहरू राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान इलाहाबाद" (प्रयागराज), उत्तर प्रदेश के विद्युत अभियंत्रण विभाग में सन 2012 में नियुक्ति पाए डा. एम वेंकटेश नायक (अनुसूचित जनजाति) के साथ जातिगत आधार पर मानसिक और शारीरिक प्रताड़ना हो रही है। इसकी शिकायत पीड़ित द्वारा विभाग में समय-समय पर की जाती रही है, लेकिन संस्थान ने कोई कार्रवाई नहीं की। इससे यह प्रतीत होता है कि यह संस्थानिक दुर्व्यवहार हो रहा है। पीड़ित के साथ दो और लोगों ने भी इस संस्थान में नियुक्ति पाई है । संस्थान में 10 विद्यार्थियों को पी.एच.डी करने के लिए चुना गया था, जिसमें से 6 विद्यार्थियों को डॉक्टर नीरज कुमार चौधरी (सामान्य) को और चार विद्यार्थी डॉक्टर नवनीत कुमार सिंह (अनुसूचित जाति) को दिए जाते हैं लेकिन पीड़ित को कोई विद्यार्थी नहीं दिए जाते और पी.एच.डी न करा पाने के कारण पीड़ित को पदोन्नति से वंचित कर दिया गया । संस्थान का यह रवैया प्राकृतिक न्याय के खिलाफ है तथा अवसर में समानता को नकारा गया है । होना तो यह चाहिए था कि तीन अध्यापकों के बीच प्रत्येक को न्यूनतम तीन विद्यार्थियों का आवंटन किया जाना चाहिए, लेकिन ऐसा नहीं किया गया। पदोन्नति न होने के कारण पीड़ित ने भेदभाव का आरोप लगाते हुए अधिकृत पदाधिकारीयों से शिकायत की लेकिन इसके बदले उसे निलंबित कर उसकी प्रताड़ना की जा रही है। पीड़ित ने अपने गुहार राष्ट्रीय जनजाति आयोग, और मानव संसाधन विकास मंत्रालय तक लगाई है। संसदीय समिति की और जनजाति आयोग के यहां से प्राप्त संस्तुतियों को भी किनारे कर पीड़ित को निलंबित कर दिया गया है । संस्थान के प्राधिकृत पदाधिकारी गण अपनी मनमानी को छिपाने के लिए कूट रचित दस्तावेज तैयार कर आंतरिक जांच समितियों भी को भ्रमित करने का प्रयास कर रहे हैं। इस घटना को महामहिम राष्ट्रपति, राज्यपाल, अनुसूचित जनजाति आयोग, शिक्षा मंत्रालय भारत सरकार के संज्ञान में लाने तथा इस असंवैधानिक और अप्रिय घटना की अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम1989 और अन्य सुसंगत धाराओं के तहत प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज कर गहन जांच कर दोषियों के विरुद्ध न्यायाधीश कार्रवाई के लिए यह ज्ञापन सोपा गया है । इस ज्ञापन में निष्पक्ष जांच एजेंसी जैसे केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) अथवा स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (SIT) से जांच करवा कर यथार्थ को सामने लाने के लिए भी आग्रह किया गया है।डॉ. आशा लाकड़ा से बात चीत के दौरान प्रदेश में गोंड और खरवार जातियों के जाति प्रमाण पत्र सम्बंधी चर्चा की गई और उन्होंने सकारात्मक बात की। स्वागत करने और ज्ञापन सौंपने के लिए एसो. प्रोफेसर डॉ. अमरनाथ पासवान जी, प्रदेश अध्यक्ष संजीव गौड़,प्रदेश महासचिव अशोक कुमार एवं बृजेश कुमार , राष्ट्रीय महासचिव अरुण कुमार वर्मा, प्रदेश मीडिया सचिव एवं कोषाध्यक्ष विकास कुमार वर्मा आदि सदस्य गणों की उपस्थिति रही। विकास कुमार वर्मा (प्रदेश मीडिया सचिव) डॉ उमेश चंद्र राष्ट्रीय अध्यक्ष, साक्षी सिंह की रिपोर्ट वाराणसी

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