शुक्रवार, 27 जून 2025
आपातकाल भारतीय लोकतंत्र का एक काला अध्याय- प्रो.मिथिलेश सिंह वाराणसी-श्री अग्रसेन कन्या पीजी कॉलेज परमानन्दपुर वाराणसी परिसर में बुधवार को आपातकाल और लोकतांत्रिक विषय पर विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम के अध्यक्षता विद्यालय की प्राचार्य प्रो.मिथिलेश सिंह ने किया। अध्यक्षता करते हुए अपने उद्बोधन में उन्होंने कहा कि 25 जून 1975 भारतीय लोकतंत्र का एक काला अध्याय था जिसमें लोकतंत्र के मूल्यों को कुचल दिया गया। नागरिकों के मौलिक अधिकारों का निलंबन कर दिया गया। बोलने की आजादी छिन ली गई। प्रेस की स्वतंत्रता पर प्रतिबंध लगा दिया गया। सामाजिक कार्यकर्ताओं और आम नागरिकों को जेल में डाल दिया गया। आपातकाल केवल राजनीतिक घटना नहीं बल्कि भारतीय लोकतंत्र की आत्मा पर एक गहरी चोट थी, जिससे हमें आज भी सीख लेने की आवश्यकता है। प्रो. दुष्यंत सिंह ने कहा कि स्वतंत्र भारत के इतिहास में यह सबसे विवादास्पद और अलोकतांत्रिक काल था, जिसमें भारतीय संविधान में निहित मूल्यों को दरकिनार कर अभिव्यक्ति की आजादी को दबाया गया। प्रेस पर सेंसरशिप लगा दी गई,जबरन नसबंदी कर दी गयी और लोकतंत्र को बंधक बना लिया गया। इस अवसर पर प्रमुख रूप से प्रो.आभा सक्सेना,प्रो.अनीता सिंह, डा. पूनम राय, डा. मृदुला व्यास,डॉ दीपा अग्रवाल, डॉ. नंदिनी पटेल,डा.सरला सिंह, डा.सोनम चौधरी, डॉ. शोभा प्रजापति, डॉ सुनीता सिंह समेत अनेको प्रवक्ता गण उपस्थित रहीं। सभा को सम्बोधित करती प्राचार्य, वरिष्ठ पत्रकार राजेंद्र गुप्ता की रिपोर्ट
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