रविवार, 22 जून 2025
एनपीएस की राह में रोड़ा बना लेखा विभाग, टूट रहा शिक्षकों का भरोसागाजीपुर। न्यू पेंशन स्कीम (एनपीएस) के फायदे बताकर इसे लेने के लिए प्रोत्साहित करने की जिम्मेदारी सरकार ने लेखा विभाग को सौंपी थी। लेकिन लेखा विभाग ही एनपीएस की राह में रोड़ा बन गया है। माध्यमिक शिक्षक संघ के प्रांतीय मंत्री चौधरी दिनेश चंद्र राय ने कहा कि न्यू पेंशन स्कीम लेने वाले शिक्षकों के वेतन से प्रतिमाह 10 प्रतिशत की धनराशि की कटौती हो रही है। लेकिन लेखा विभाग के अफसरों की लापरवाही से कटौती की गई धनराशि उनके परमानेंट रिटायरमेंट अकाउंट नंबर (प्रान) खाते में नहीं जमा हो रही है। उल्टे लेखा विभाग सरकार की हिस्सेदारी भी दबाए बैठा है। जिससे इस स्कीम से शिक्षकों का भरोसा टूट रहा है।माध्यमिक शिक्षा परिषद से सम्बंधित स्कूलों में हजारों शिक्षक कार्यरत हैं। जो न्यू पेंशन स्कीम (एनपीएस) ले रखी है। इस स्कीम के तहत शिक्षकों के वेतन से 10 प्रतिशत की कटौती की जा रही है। जबकि हिस्सेदारी के तौर पर सरकार को भी 14 प्रतिशत की धनराशि का भुगतान करना है। इसके लिए शिक्षकों ने प्रान भी ले रखा है। शिक्षक के वेतन से कटौती की गई धनराशि व सरकार की हिस्सेदारी दोनों इसी परमानेंट रिटायरमेंट अकाउंट में जमा करानी है। एनपीएस के नाम पर शिक्षकों के खाते से तो प्रतिमाह की कटौती की जा रही है। लेकिन सरकार की हिस्सेदारी को लेखा विभाग दबाए बैठा है। सरकार की हिस्सेदारी जमा न होने सेप्रान खाता अपडेट नहीं हो रहा है। ऐसे में शिक्षकों के वेतन से काटी गई धनराशि में घपले की आशंका बढ़ गई है। शिक्षकों का प्रान खाता पिछले कई महीने से अपडेट नहीं हो सका है।सेवानिवृत्त शिक्षकों को अभी तक नहीं हुआ जीपीएफ का भुगतानगाजीपुर। मार्च में सेवानिवृत्त हुए माध्यमिक शिक्षकों को अब तक जीपीएफ, पेंशन का भुगतान नहीं हो सका है। उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ के पदाधिकारियों ने मुख्यमंत्री और उप मुख्यमंत्री को पत्र लिखा है। वे शिक्षकों की समस्या का समाधान करने का अनुरोध कर रहे हैं। माध्यमिक शिक्षक संघ के प्रदेशीय मंत्री चौधरी दिनेश चंद्र राय ने बताया कि जिले के 50 से अधिक सेवानिवृत्त शिक्षकों को अब तक सामान्य भविष्य निधि (GPF) का भुगतान नहीं किया गया है, जिससे वे आर्थिक संकट का सामना कर रहे हैं। इसके साथ ही, उनकी पेंशन पत्रावलियाँ भी अब तक स्वीकृति हेतु अपर निदेशक (पेंशन) को नहीं भेजी गई हैं।उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ का प्रतिनिधिमंडल प्रदेशीय मंत्री चौधरी दिनेश चंद्र राय के नेतृत्व में जिला विद्यालय निरीक्षक और वित्त एवं लेखाधिकारी से मिला। प्रतिनिधि मण्डल ने कहा कि शासन के निर्देशों के अनुसार, सेवानिवृत्ति की तिथि को ही सभी देयकों का भुगतान कर दिया जाना चाहिए और एक माह के भीतर पेंशन आरंभ हो जानी चाहिए लेकिन अत्यंत खेदजनक' है कि 22 जून 2025 तक जीपीएफ भुगतान और पेंशन पत्रावलियों को स्वीकृति हेतु प्रेषित नहीं किया गया है तो इस मुद्दे को प्रदेश के वित्त एवं संसदीय कार्य मंत्री के संज्ञान में लाया जाएगा। प्रतिनिधि मण्डल में संघ के जिलाध्यक्ष अमित कुमार राय, जिला मंत्री शैलेन्द्र सिंह सहित अन्य पदाधिकारी थे। उधर संघ के प्रांतीय अध्यक्ष ने मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री और माध्यमिक शिक्षा के प्रमुख सचिव को पत्र लिखकर सेवानिवृत्त शिक्षकों की समस्या के बारे में बता चुके हैं। माध्यमिक शिक्षा विभाग के शिक्षक और शिक्षणेत्तर कर्मचारी, जो मार्च 2025 में सेवानिवृत्त हुए हैं उन्हें अब तक जीपीएफ राशि का भुगतान भी नहीं हो सका है। यह सेवानिवृत्त होने के साथ ही शिक्षक और कर्मचारियों को दिया जाना चाहिए। शिक्षक परिवारों के सामने भुखमरी का संकट खड़ा हो गया है। सरकार को इस पर अविलंब कार्रवाई करनी चाहिए। श्री राय का कहना है कि लेखा विभाग में बिना पैसे लिए कोई काम नहीं होता है। इसी कारण तीन महीने से उन्हें परेशान किया जा रहा है। महताब आलम गाज़ीपुर
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