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मंगलवार, 24 जून 2025

वाराणसी।।काशी के सांसद और देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और वही प्रदेश के मुखिया योगी आदित्यनाथ डबल इंजन की सरकार इस समय कैंसर के ऊपर तमाम इंस्टीट्यूट और हॉस्पिटल खोल रहे हैं इसी तर्ज पर बनारस के एक डॉक्टर डॉ अजय कुमार प्रजापति जो की काशी हिंदू विश्वविद्यालय से एमबीबीएस एमएस जनरल सर्जरी सर्जिकल ऑंकोलॉजी और बी एच यू से गोल्ड मेडलिस्ट है उन्होंने कैंसर से पीड़ित गरीबों का कम से कम पैसे में इलाज करने का संकल्प लिया है इसी को देखते हुए उत्तर प्रदेश सरकार की तरफ से उन्हें यूपी रतन से नवाजा गया है।चितईपुर थाना अंतर्गत शाश्वत केयर हॉस्पिटल के तत्वाधान में आज अवलेशपुर विश्वनाथपुरम कॉलोनी में डॉक्टर अजय कुमार प्रजापति को कैंसर के क्षेत्र में उत्कृष्ट सेवा प्रदान हेतु 17/6/2025 को उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा यू पी रत्न मिलने पर आज उनका सम्मान समारोह किया गया। सर्व प्रथम गोल्ड मेडल डॉक्टर अजय कुमार प्रजापति को माल्यार्पण कर उन्हें काशी चिन्ह का मोमेंटो दे कर सम्मान किया गया और डॉक्टर अजय कुमार प्रजापति ने बताया कि डॉक्टर सुरेश कुमार प्रजापति ने बताया कि नहीं सबसे पहले मैं यहां के चेयरमैन डॉक्टर सुरेश कुमार प्रजापति और जन्मदारी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष देवेंद्र प्रजापति और समाज सेवक राकेश सिंह जी को इस वंडरफुल और अविश्वनीय कार्यक्रम के लिए मैं इन लोगों को दिल से कोटि-कोटि धन्यवाद है और मैं आपके चैनल के माध्यम से बताना चाहता हु कि जिस घर में कैंसर का नाम आता है तो पूरा परिवार पूरी तरीके से डिस्टर्ब हो जाता है कि यह कौन सा बीमारी आ गया है यह कौन सा रोग आ गया कहां जाए कितना पैसा लगेगा क्योंकि अगर अब गवर्नमेंट में जाते हैं तो इतनी लंबी-लंबी लाइन है कि जब तक मरीज का इलाज करने का नंबर आता है मरीज की स्थिति बिगड़ जाती है या फिर वह 3 स्टेज 4 स्टेज पर पहुंच जाता है अगर मरीज प्राइवेट में जाता है तो इतना ज्यादा कैंसर शरीर का कास्ट है ₹5 लाख से 10 लाख तक का खर्चा आ जाता है वह इस इलाज के वजह से उसे पैसे की वजह से अपना इलाज पूरा नहीं कर पाता एक तरफ वह जा रहा है तो मरीज को समय नहीं मिल रहा है दूसरी तरफ जा रहा है तो पेशेंट के पास पैसा नहीं है अब मरीज बीच में तीन-चार महीने 8 महीने 10 महीने साल भर यहां से वहां इस डॉक्टर के पास जाता है कि कुछ उम्मीद लेकर जाता है कि हम कहा भी जाए मेरा इलाज हो लेकिन फिर भी वही पैसे को लेकर दिक्कत आने लगती है तो इन सब चीजों के लिए मैंने एक बीच का रास्ता जो कि मैने निकाल निकला है कि मेरा यह टीम है मेरा ही सोच है कोई भी मरीज अगर कैंसर का मेरे पास आता है तो उसका इलाज पैसे की वजह से तो मैं रुकने नहीं दूंगा अगर 4 लाख की सर्जरी है तो उसे में 50 हजार में करेंगे अगर कोई भी गरीब मजीद हमारे पास आ जाता है तो वह बिना इलाज के नहीं जाएगा ऐसी मेरी सोच है और मैं इस पर कार्य करूंगा। पूर्वांचल ब्यूरो रवि शंकर राय की रिपोर्ट

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