रविवार, 7 सितंबर 2025
जमानियां गंगा नदी पर पक्का पुल निर्माण होने से सबसे पुरानी कस्बा बाजार के व्यवसायियों के सामने रोजी रोटी की गंभीर समस्या खड़ी हो गई है।जमानियां में गंगा नदी पर स्थित धरम्मरपुर करंडा गंगा पुल के दोनों तरफ लोहे के लगे हाईटगेज बैरियर बेमतलब साबित हो रहे हैं। पुलिस और परिवहन विभाग की मिली भगत से दिन-रात प्रतिबंधित भारी वाहन बेखौफ होकर पुल से फर्राटा भर रहे हैं। जिस कारण पुल के क्षतिग्रस्त होकर गिरने की ज्यादा संभावना बनी हुई है। इसके साथ ही सबसे पुरानी कस्बा बाजार से पक्का पुल के निर्माण होने के कारण कारोबार व्यवसायियों के सामने भुखमरी की संकट गिराई हुई है। जिसका मुख्य कारण है। कि गंगा उसपर से आने वाले ग्राहक कस्बा बाजार ना पहुंचकर सीधे स्टेशन बाजार पहुंच जाते है। जिसके चलते सर्राफा दुकानदार, रितेश वर्मा,( कपड़ा दुकानदार, जूता चप्पल दुकानदार आदि से साथ अन्य दुकानदारों के सामने रोजी रोटी की गंभीर समस्या खड़ी हो चुकी है। केक दुकानदार शिवम कुमार गुप्ता, मिष्ठान दुकानदार अनिल कुमार गुप्ता, टेलर्स दुकानदार शहजाद अली, चप्पल जूता दुकानदार उस्मान, कपड़ा व्यवसाई आकाश कुमार उर्फ कल्लू, सहित आदि दुकानदारों के सामने रोजी रोटी की गंभीर समस्याएं गहराई हुई है। दुकानदारों ने बताया कि कस्बा बाजार से काफी दूरी पर पक्का पुल का निर्माण होने से गंगा उसपार के ग्राहक सीधे निजी सवारी द्वारा स्टेशन बाजार पहुंचने से कस्बा बाजार टूटने के कगार पर पहुंच चुका है। सभी दुकानदारों ने जिम्मेदार विभागीय अधिकारियों एवं विधायक, सांसद का ध्यान आकृष्ट कराते हुए। कंकड़ घाट के पास पीला पुल लगवाने के लिए गोहर लगाया। जिससे कस्बा बाजार टूटने से बचाया जाए। और सभी छोटे बड़े दुकानों को बर्बाद होने से बचाया जा सके। उन्होंने ने बताया कि सबसे हैरानी कि बात यह है। कि यह पुल जमानियां तहसील मुख्यालय से नजदीक होने से जहां तमाम जिम्मेदार पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी बैठते हैं। मगर उन्हें इस पुल से ओवरलोड वाहनों के गुजरने की जानकारी न होना आश्चर्य की बात है। लोगों ने पुल से ओवरलोड ट्रकों के गुजरने पर प्रतिबंध लगाने की मांग की है। और यह भी कहा कि लोहे के हाईटगेज बैरियर को दुरुस्त कर उसे दोबारा लगाया जाए। साथ ही कस्बा बाजार की सबसे पुरानी बाजार के दुकानदारों को भुखमरी से बचाने के लिए मोहल्ला कंकड़ घाट के पास पुनः पीपा पुल लगवाने के लिए कार्यवाही किया जाए। ताकि सबसे पुरानी बाजार और व्यवसायियों को बर्बाद होने से बचाया जा सके। सलीम मंसूरी की रिपोर्ट जमानिया
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
टिप्पणी: केवल इस ब्लॉग का सदस्य टिप्पणी भेज सकता है.